नोटबंदी असफल नहीं थी. उसके चार उद्देश्य थे.
1. यूपी चुनाव से पहले विरोधी दलों का पैसा खराब कर देना, क्योंकि बीजेपी के पास तो पैसों की कमी थी नहीं. नोटबंदी का मकसद था चुनाव को एक असमान मुकाबला बना देना. बीजेपी को पहले से पता था. वह ढेर सारा भुगतान एडवांस कर चुकी थी. उसके पास नए नोट भी बेशुमार थे. चुनाव में उसके 32 हेलीकॉप्टर उड़े. सभी विरोधी दलों के पास मिलाकर 5 थे. जिस दिन आखिरी चरण का मतदान खत्म हुआ, उसके अगले दिन बैंक से रुपए निकालने की लिमिट खत्म कर दी गई. नोटबंदी का काम पूरा हुआ.
2. सारा काला धन सफेद करके सिस्टम के अंदर लाना.कालाबाजारियों की मदद करना.
3. छोटे बिजनेसमैन को तबाह कर बड़े कारोबारियों को लाभ पहुंचाना, क्योंकि कैशलेश काम करने की तैयारी सिर्फ बड़े कारोबारियों को थी. नरेंद्र मोदी को बड़े कारोबारियों ने पीएम बनाया था. वह कर्जा मोदी ने चुका दिया.
4. चीन की कंपनी अलीबाबा के बच्चे PayTM को बिजनेस देना.
चारो मकसद पूरे हुए।
इससे क्या फर्क पड़ता है कि लाइन में 200 से ज्यादा लोग मर गए. अर्थव्यवस्था तबाह हो गई. लाखों मजदूरों के हाथों से काम छिन गया. छोटे व्यापारी बर्बाद हो गए।
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